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    विकसित भारत के लिए शिक्षा का लोकतंत्रीकरण जरूरी - डॉ. राज नेहरू

    (Mukhi Deepak Kathuria) www.bharatdarshannews.com

    विकसित भारत के लिए शिक्षा का लोकतंत्रीकरण जरूरी - डॉ. राज नेहरू

    "विकसित भारत @2047" अभियान में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की होगी अहम भूमिका

    Bharat Darshan Palwal News, 11 December 2023 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "विकसित भारत @2047" अभियान का आगाज कर दिया है। इसमें देश के विश्वविद्यालयों की अहम भूमिका होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आहूत इस अभियान में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की उपस्थिति में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि स्किलिंग और उद्यम के माध्यम से इस अभियान में कौशल विश्वविद्यालय अहम भूमिका निभाएगा। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए शिक्षा का लोकतंत्रीकरण सबसे जरूरी है। विद्यार्थियों को शिक्षा और उसके प्रकार चुनने के पर्याप्त विकल्प मिलने चाहिएं। यह चयन करने का अधिकार उन्हें ही होना चाहिए, कि भविष्य में वह क्या करना चाहते हैं। डॉ. राज नेहरू ने विद्यार्थियों को इतना सशक्त बनाने का सुझाव दिया कि शिक्षा के विकल्प चुनने में सक्षम हो जाएं। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रमों में सुधार भी महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से हम शिक्षा तंत्र में आमूलचूल परिवर्तन ला सकते हैं। भविष्य के लिए डिजाइन थिंकिंग और ब्रेन स्टॉर्मिंग करने की आवश्यकता है। विद्यार्थियों को नए आइडिया पर काम करना होगा और उन्हें दुनिया की वास्तविक समस्याओं से रुबरु करवाना बहुत जरूरी है। साथ ही उनको लोकल प्रोजेक्ट के साथ भी जोड़ा जाए। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि पीएचडी भी व्यवहारिक परिणाम पर आधारित होनी चाहिए। इंडस्ट्री और पाठ्यक्रम में समन्वय बहुत जरूरी है। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने विद्यार्थियों को कैंपस के बाहर ही नहीं बल्कि राज्य और देश के बाहर जाकर भी अपनी शिक्षा को विकसित करने और स्वयं को सशक्त बनाने के अवसर मिलने चाहिए। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने इस अभियान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का आभार जताया। 

    कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने विशेष सत्र का संयोजन करते हुए शिक्षा जगत के लिए नए रोड मैप पर चर्चा की। उन्होंने विजन, आइडिया, नॉलेज, सिस्टम, इंटरनेट और टेक्नोलॉजी के आयामों पर चर्चा करते हुए आगे बढ़ने की बात कही। प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए शिक्षण संस्थानों की अहम भूमिका रहेगी। उन्होंने अकादमिक प्रोन्नति का सुझाव दिया। 

    प्रोफेसर ऋषिपाल ने पर्यावरण और कृषि से जुड़े आयामों पर चर्चा कर सबका ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि हमें कृषि उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करनी होगी और पर्यावरण संरक्षण हमारी प्राथमिकताओं में होना चाहिए। 

    प्रोफेसर निर्मल सिंह ने तकनीक के सदुपयोग का सुझाव देते हुए युवाओं की क्षमताओं के सदुपयोग का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमें विकसित राष्ट्र के मायनों को सही अर्थों में समझना होगा। प्रोफेसर निर्मल सिंह ने नए आइडिया पर काम करने का सुझाव दिया। 

    इस अवसर पर डीन प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव, डीन प्रोफेसर सुरेश, एसोसिएट डीन डॉ. सविता शर्मा, उप कुलसचिव अंजू मलिक, उप निदेशक डॉ. राजकुमार, डॉ. विकास भदौरिया, पीयूष चक्रवर्ती, अमिष अमेय हिंदी अधिकारी भूपेंद्र प्रताप सिंह और डॉ. हरीश ने भी सेमिनार में भागीदारी की। इस अभियान में ऑनलाइन माध्यम से विश्वविद्यालय के काफी संख्या में विद्यार्थी भी जुड़े।